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Heart Attack or No Heart Attack choice is yours

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  ‼️ *हार्ट अटैक*‼️ *हमारे  देश  भारत  में  3000 साल  पहले  एक  बहुत  बड़े ऋषि  हुये  थे.* *उनका  नाम  था* *महाऋषि वागवट  जी  * *उन्होंने   एक   पुस्तक   लिखी थी**जिसका  नाम  है*  *अष्टांग हृदयम * *(Astang Hrdayam)* Bus Yoon Hee *और  इस  पुस्तक  में  उन्होंने *बीमारियों  को  ठीक  करने  के लिए *7000* सूत्र  लिखें   थे * *यह  उनमें  से  ही  एक  सूत्र है * वागवट  जी  लिखते  हैं  कि कभी  भी  हृदय  को  घात  हो रहा  है .*मतलब  दिल  की  नलियों  मे Blockage   होना  शुरू  हो  रहा   है* *तो  इसका  मतलब  है  कि Blood  में Acidity   बढ़ी  हुई  है * *अम्लता  आप  समझते  हैं ,जिसको  अँग्रेजी  में  कहते  हैं Acidity *                                                       * Acidity  दो  तरह  की  होती है * 👉 *एक  होती  है   पेट  की Acidity *                                                   👉 *और  एक  होती  है Blood की Acidity * *आपके  पेट  में Acidity जब बढ़ती  है  *तो  आप  कहेंगे*  ✔️*पेट  में जलन सी  हो  रही  है  * ✔️*खट्टी  खट्टी  डकार  आ रही  हैं * ✔️*मुंह  से  पानी  निकल  रहा  है    *और  अगर 

10 Steps to understand Quarantine and Isolation better in India.

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  *हम तो आदिकाल से क्वारेंटाईन करते हैं, समझ आया*★ *आज जब सिर पर घूमता एक वायरस हमारी मौत बनकर बैठ गया तब हम समझें कि हमें क्वारेंटाईन होना चाहिये, मतलब हमें ‘‘सूतक’’ से बचना चाहिये।  यह वही ‘सूतक’ है जिसका भारतीय संस्कृति में आदिकाल से पालन किया जा रहा है। जबकि विदेशी संस्कृति के नादान लोग हमारे इसी ‘सूतक’ को समझ नहीं पा रहे थे। वो जानवरों की तरह आपस में चिपकने को उतावले थे ?  वो समझ ही नहीं रहे थे कि मृतक के शव में भी दूषित जीवाणु होते हैं ? हाथ मिलाने से भी जीवाणुओं का आदान-प्रदान होता है ? और जब हम समझाते थे तो वो हमें जाहिल बताने पर उतारु हो जाते । हम शवों को जलाकर नहाते रहे और वो नहाने से बचते रहे और हमें कहते रहे कि हम गलत हैं और आज आपको कोरोना का भय यह सब समझा रहा है।* *हमारे यहॉ बच्चे का जन्म होता है तो जन्म ‘‘सूतक’’ लागू करके मॉ-बेटे को अलग कमरे में रखते हैं, महिने भर तक, मतलब क्वारेंटाईन करते हैं।* * हमारे यहॉ कोई मृत्यु होने पर परिवार सूतक में रहता है लगभग 12 दिन तक सबसे अलग, मंदिर में पूजा-पाठ भी नहीं। सूतक के घरों का पानी भी नहीं पिया जाता।   *हमारे यहॉ शव का दाह संस्कार

10th Sept Ganesh ji important massage to all of us.

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  बैठी थी आराम से विचार चल रहे थे आने वाले गणेशोत्सव के । क्या करना है, कैसे करना है, सोच रही थी । इतने में घर के मंदिर में से किसीने झांका , मैंने पूछा, कौन है ?, तो आवाज़ आयी, अरे मैं गणपती । कुछ कहना है, सुनेगी ? हाँ, बताइये प्रभु, सब करूँगी । गणेश जी बोले - आ रहा हूँ तेरे पास आनंद के लिए, कोई दिखावा मन करना, नहीं चाहिए सोने की दूर्वा, नहीं चाहिए सोने के फूल  न ही कोई जगमगाहट तकलीफ होती है मुझे । मेरी सात्विकता, सादापन, सब निकल जाता है । तेरे बाग की मिट्टी ले, दे मुझे आकर , मैं तो हूँ गोल-मटोल, कोई समस्या नही होगी । फिर दे मुझे बैठने के लिए स्वच्छ पटा आंगन में उगी घास से ला दूर्वा और दो - चार फूल, हर दिन घर में बने भोजन का भोग लगा, तो तेरा और मेरा आरोग्य ठीक रहेगा । रोज़ सुबह तेरी ओंकार ध्वनि से उठाना, रोज़ शाम मंत्र और शंखनाद करना, उससे तेरे मन और घर में पवित्रता आएगी, मेरा विसर्जन भी तेरे ही घर मे करना  मैं पिघलकर माटी रूप ले लूं ,  तो घर की बगिया में मुझे फैला देना । मैं वहीं रहूंगा, तो तेरे घर का ध्यान रखूंगा । तू किसी तकलीफ में हुआ तो पल में आ सकूँगा  🍀🌸🌿🌸🍀 By:

Lord Ganesh Chaturthi festival brings happiness, wisdom and prosperity for his devotees

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  Ganesh Chaturthi in 2021 Ganesh Chaturthi for the year 2021 will be celebrated/ observed on Friday, September 10th. Ganesh Chaturthi or Vinayaka Chaturthi is the Hindu celebration of the birth of Lord Ganesh. His life represents P rosperity,  W isdom, and good fortune . The festival falls in August/September which is in the month of Bhadra on Shukla Chaturthi in the Hindu Calendar. When is Ganesh Chaturthi? Ganesh Chaturthi, also known as 'Vinayak Chaturthi' or 'Vinayaka Chavithi' is the day when all Hindus celebrate one of the most popular deities, Lord Ganesh. The festival is observed in the Hindu calendar month of Bhadrapada, starting on the Shukla Chaturthi (the fourth day of the waxing moon). This means the date will normally fall between August 19th and September 20th. History of Ganesh Chaturthi: Ganesh is also be known by the names Ganapati, Ekadanta, Vinayaka, Pillaiyar and Harambe. This remains one of the most widely celebrated festivals in the country, par

10 days Lord Ganesh Chaturthi festival brings happiness, wisdom and prosperity for his devotees.

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   गणेश चतुर्थी की तिथि कौन सी है? वर्ष 2021 के लिए गणेश चतुर्थी गुरुवार, 10 सितंबर को मनाई जाएगी। गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म का हिंदू उत्सव है। उनका जीवन समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है, बुद्धि, और सौभाग्य। यह पर्व अगस्त/सितंबर में पड़ता है जो हिंदू कैलेंडर में शुक्ल चतुर्थी पर भद्रा के महीने में होता है। गणेश चतुर्थी कब है? गणेश चतुर्थी, जिसे 'विनायक चतुर्थी' या 'विनायक च्वित्री' के नाम से भी जाना जाता है, वह दिन है जब सभी हिंदू सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक भगवान गणेश को मनाते हैं।यह पर्व भाद्रपद के हिंदू कैलेंडर माह में मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत शुक्ल चतुर्थी (वैक्सिंग चंद्रमा के चौथे दिन) से होती है। इसका मतलब यह है कि तारीख आम तौर पर 19 अगस्त और 20 सितंबर के बीच Manai जाएगी । गणेश चतुर्थी का इतिहास: गणेश को गणपति, एकादश, विनायका, पिल्लैयार और हेरम्बा नाम से भी जाना जाता है। यह देश में सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है, आंशिक रूप से क्योंकि गणेश पूजा के लिए सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक है । उनके आशीर्वाद अक्सर ध