10th Sept Ganesh ji important massage to all of us.

 बैठी थी आराम से

विचार चल रहे थे आने वाले गणेशोत्सव के ।

क्या करना है, कैसे करना है, सोच रही थी ।

इतने में घर के मंदिर में से किसीने झांका ,

मैंने पूछा, कौन है ?,

तो आवाज़ आयी, अरे मैं गणपती ।

कुछ कहना है, सुनेगी ?

हाँ, बताइये प्रभु, सब करूँगी ।

गणेश जी बोले -


आ रहा हूँ तेरे पास आनंद के लिए,

कोई दिखावा मन करना,

नहीं चाहिए सोने की दूर्वा,

नहीं चाहिए सोने के फूल 

न ही कोई जगमगाहट

तकलीफ होती है मुझे ।

मेरी सात्विकता, सादापन, सब निकल जाता है ।


तेरे बाग की मिट्टी ले,

दे मुझे आकर ,

मैं तो हूँ गोल-मटोल,

कोई समस्या नही होगी ।


फिर दे मुझे बैठने के लिए स्वच्छ पटा

आंगन में उगी घास से ला दूर्वा और दो - चार फूल,

हर दिन घर में बने भोजन का भोग लगा,

तो तेरा और मेरा आरोग्य ठीक रहेगा ।


रोज़ सुबह तेरी ओंकार ध्वनि से उठाना,


रोज़ शाम मंत्र और शंखनाद करना,

उससे तेरे मन और घर में पवित्रता आएगी,

मेरा विसर्जन भी तेरे ही घर मे करना 




मैं पिघलकर माटी रूप ले लूं , 
तो घर की बगिया में मुझे फैला देना ।

मैं वहीं रहूंगा,

तो तेरे घर का ध्यान रखूंगा ।

तू किसी तकलीफ में हुआ तो पल में आ सकूँगा 



🍀🌸🌿🌸🍀

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